एंग्जाइटी क्या है – मानसिक रोग क्या है ?
क्या आप कभी शेरों से भरे जंगल से अकेले निकले हैं ? आप कभी मगरमच्छों से भरे तालाब में तैरे हैं ?. क्या आप सांपों से भरी अंधेरी गुफा में अकेले रहे हैं ? भले ही आप ऐसी भयावह परिस्थिति से ना गुजरे हों । लेकिन ऐसी परिस्थिति में आप की क्या मानसिक स्थिति होगी, इसका अंदाजा आप जरूर लगा सकते हैं। ऐसे ही मानसिक स्थिति को एंग्जाइटी कहते हैं ।
हर चार में से एक व्यक्ति कभी ना कभी एंग्जाइटी का शिकार जरूर होता है। कभी-कभी व्यक्ति को अंजाना सा डर सताता है । जैसे कि मुझे कोई बीमारी ना हो जाए। घर से बाहर जा रहे हैं एक्सीडेंट ना हो जाए। कोई दुर्घटना ना हो जाए । बच्चे घर से बाहर हैं कोई हादसा ना हो जाए। यही अंजाना डर एंग्जाइटी कहलाता है ।
यह अंजाना डर हम सब भी कभी ना कभी अपने जीवन में महसूस करते हैं। कुछ लोग आसानी से और कुछ लोग थोड़ी सी मेहनत के बाद इस मनोदशा से बाहर निकल जाते हैं। लेकिन जब यह है मनोदशा हमारे लिए संकट बन जाए और असहनीय हो जाए । तो हम अपने दैनिक कार्यों को ठीक से नहीं कर पाते ।
ऐसी स्थिति में यह एंग्जाइटी डिसऑर्डर यानी घबराहट की बीमारी बन जाती है। जिसका उपचार करवाना आवश्यक है । यह कुछ लोगों को ही होती है जिनको के उपचार की आवश्यकता हो। Mental disorder symptoms in Hindi
यह तो निश्चित है कि अंजाना डर ही एंग्जाइटी है (मानसिक रोग)। मगर सबका अंजाना डर एंग्जाइटी डिसऑर्डर ही हो यह जरूरी नहीं। कभी-कभी अंजाना डर होना एक साधारण बात है। जो किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकता है ।
एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण
एंग्जाइटी डिसऑर्डर के 2 लक्षण है । शारीरिक लक्षण और मानसिक लक्षण । मानसिक लक्षण में हमेशा आशंका और भय की स्थिति बनी रहती है। जैसे क्या होगा ? कैसे होगा ? होगा या नहीं होगा ? करना चाहिए या नहीं करना चाहिए ? ऐसी स्थिति में व्यक्ति निर्णय लेने में भी असमर्थ रहता है। दिमाग किसी भी कार्य में एकाग्र नहीं हो पाता ।
कुछ लोग अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं । गले में कुछ अटका हुआ महसूस होता है । छाती जाम हो गई लगता है । पेट में गोला सा महसूस होता है । सांसें फूली हुई महसूस होती है । दिल की धड़कन बढ़ी हुई लगती है । पसीने आते हैं । हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं । मुंह सूखता है । शरीर में अकड़न थकान और दर्द महसूस होता है । Mental disorder symptoms in Hindi
एंजायटी डिसऑर्डर में भी अलग-अलग बीमारियां आती है । जैसे पैनिक डिसऑर्डर । जिसमें व्यक्ति को अचानक घबराहट के दौरे आते हैं । जैसे कि अभी जीवन समाप्त होने वाला है ।
जनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर।
इस व्यक्ति को अपने अधिकतर क्रियाकलापों में चिंता और घबराहट अपने निर्णय के बाहर लगता है ।
ओबेसीवे डिसऑर्डर।
इसमें व्यक्ति को हमेशा बार-बार फालतू विचार चित्र या फिर कुछ करने की लालसा अनियंत्रित तरीके से मन में आती जाती रहती है । इस पर व्यक्ति नियंत्रण नहीं कर पाता । और घबराहट महसूस करता है करता रहता है ।
पोस्टमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर।- मानसिक रोग का अर्थ स्पष्ट कीजिए
इसमें व्यक्ति ने यदि अपने भूतपूर्व जीवन में किसी दर्दनाक हादसे या घटना का अनुभव किया है । तो वह दर्दनाक हादसा व्यक्ति को बार-बार अनुभव होता रहता है । जिससे व्यक्ति खुद को कभी कभी बहुत ही असहाय महसूस करता है ।
अब जान लेते हैं कि किन व्यक्तियों को उपचार की आवश्यकता है, और किन व्यक्तियों को उपचार की आवश्यकता नहीं है । जिन लोगों को साधारण एंग्जायटी है, उनको सपोर्टिव थेरेपी, जैसे के काउंसलिंग आदि से ठीक किया जा सकता है ।
परंतु जिन लोगों को ऊपर लिखे लक्षणों में से कोई भी मानसिक रोग है, तो उनको किसी विशेषज्ञ की सहायता अवश्य लेनी चाहिए । ऐसे व्यक्तियों को दवाइयां और साइकोथेरेपी की आवश्यकता होती है । दवाइयों से व्यक्ति जल्दी अच्छा महसूस करता है ।
मानसिक रोग स्थिति में सुधार करके व्यक्ति अपने अच्छे मानसिक शक्ति से अपने जीवन में आने वाली हर परिस्थिति से बेहतर ढंग से निपट सकता है । और बिना घबराहट के जीवन का आनंद ले सकता है ।
एंजाइटी हमारे जीवन का एक हिस्सा है । यह कभी भी किसी को भी हो सकते हैं । परंतु जब यह बीमारी का रूप ले लेती है तो जीवन को पीछे की ओर ले जाती है । घबराहट और चिंता में जीवन जीना कोई जीवन नहीं है । इसलिए किसी अच्छे मनोचिकित्सक की सहायता लेना आवश्यक है ।