डिप्रेशन क्या है?
डिप्रेशन एक मानसिक स्थिति है । डिप्रेशन की स्थिति में व्यक्ति के मन में केवल नकारात्मक विचार ही आते हैं । व्यक्ति कोई भी काम करना चाहे, उसके मन में विचार आएगा कि उससे वह नहीं हो पाएगा । इस प्रकार नकारात्मक विचार व्यक्ति पर और ज्यादा हावी हो जाते हैं । इससे जीवन में मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जब व्यक्ति डिप्रेशन की स्थिति में होता है
तो अलग-अलग प्रकार की भावनाएं मन में आती हैं । जिनमें से एक है worthlessplace या मैं किसी काम का नहीं । और जब खुद को लेकर ऐसे नकारात्मक भावना आती है, तो व्यक्ति खुद से ही प्यार नहीं करता । यह भावना मन में बनी रहती है कि मैं किसी काम का नहीं । यह विचार बार-बार मन में आता है । ऐसे में व्यक्ति सक्षम होते हुए भी किसी काम को पूरी तरह से नहीं कर पाता ।
बातों को टालने की प्रवृत्ति भी डिप्रेशन में बढ़ जाती है । जिसे प्रोक्रेस्टिनेशन कहते हैं । व्यक्ति अभी भी वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह मान लेता है कि भविष्य में उससे कोई काम नहीं हो पाएगा । और यही विचार व्यक्ति को डिप्रेशन की ओर ज्यादा धकेल देता है ।
अक्सर देखा गया है कि डिप्रेशन में आवश्यकता से अधिक खाने की आदत भी लग जाती है।
जिससे डिप्रेसिव ईटिंग भी कहते हैं । जिससे बहुत ही शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । व्यक्ति न खुद से प्यार कर पाता है, ना दूसरों से । कोई काम समय पर नहीं कर पाता । जीवन में व्यक्ति को सारे रास्ते बंद नजर आते हैं ।
How to Treat Depression Without Medication
कुल मिलाकर देखें तो डिप्रेशन पूरी तरह से मानसिक और शारीरिक रूप से व्यक्ति को खाली कर देता है । सकारात्मकता जीवन से लगभग गायब हो जाती है । ऐसे में अंत में व्यक्ति के मन में एक ही विचार रह जाता है । वह है आत्महत्या का । ऐसा लगता है कि मेरे पास यही एक आखरी रास्ता है । मैं यही कर सकता हूं । और यही करना है । व्यक्ति यह नहीं सोच पाता कि उसके इस विचार से या इस कदम से उसके अपनों पर क्या असर होगा ।
लेकिन किसी भी परिस्थिति में आत्महत्या आखिरी उपाय बिल्कुल नहीं हो सकता । इस दुनिया में कुछ भी परमानेंट नहीं है । डिप्रेशन भी परमानेंट नहीं है । डिप्रेशन आया है तो डिप्रेशन जाएगा भी । How to Treat Depression Without Medication – depression se kaise nipten
डिप्रेशन से कैसे निपटें
अब जान लेते हैं कि हम खुद डिप्रेशन को कैसे ठीक कर सकते हैं । डिप्रेशन के कारण जो भी हो हम उन कारणों को तो नहीं बदल सकते, लेकिन थोड़ी सी मेहनत से इससे निजात जरूर पा सकते हैं । आगे दिए गए छोटे-छोटे टिप्स को अपनाकर बड़ी आसानी से डिप्रेशन से छुटकारा पाया जा सकता है । इसमें आप चाहे तो किसी की मदद भी ले सकते हैं ।
1 मिनट चैलेंज
पूरे दिन में हमें खुद को कोई एक काम देना है । जो हमें केवल 1 मिनट के लिए ही करना है । वह काम कुछ नहीं हो सकता है । जैसे कि उदाहरण के लिए रोज शाम को 7:00 बजे, लंबी और गहरी सांस लें । रोज का कोई एक समय निश्चित कर ले, और इस प्रक्रिया को 1 मिनट के लिए रोज नियम से करें ।
इससे जो खुद से हमारा कमिटमेंट खो गया था वह वापस डिवेलप को होना शुरू हो जाएगा । जीवन में जो विल पावर खो गई थी, कम हो गई थी, बढ़नी शुरू होगी । हम खुद को ही यह दिखाएंगे, कि हमने खुद से यह कमिटमेंट किया और उसे पूरा किया ।
राइटिंग थेरेपी
राइटिंग थेरेपी डिप्रेशन में कारगर साबित होती है । आपके मन में जितने भी नकारात्मक विचार आए, फिर चाहे वह कितने भी बुरे क्यों ना हो । उन सब को एक पेपर पर लिखना शुरू करें । जो भी विचार आपको परेशान करता है तब लिखें ।
हमारे मन के विचारों को बाहर निकलने का एक रास्ता चाहिए होता है । अगर हम उनको अंदर रखते हैं वह डिप्रेशन का रूप ले लेते हैं । इसलिए उनको लिखकर बाहर निकाले ।
यह राइटिंग थेरेपी रोज करनी है । जब आप अपने सारे विचारों को लिख ले तो आपको सिर्फ एक काम करना है । सारे पेपर्स को इकट्ठा करें और फाड़ कर फेंक दे । उनको ना देखना है और ना ही फिर से पढ़ना है । आप देखेंगे कि आप बहुत हल्का और अच्छा महसूस करेंगे । और जब हम अच्छा महसूस करते हैं तो डिप्रेशन नहीं रह पाता ।
How to Treat Depression Without Medication – depression se kaise nipten
शारीरिक गतिविधि
डिप्रेसिव व्यक्ति बहुत ज्यादा आलसी हो जाता है । आलस को खुद पर हावी ना होने दें । शारीरिक गतिविधि शुरू करें । इसके लिए जरूरी नहीं कि आप जिम जाए या योगा क्लास से ज्वाइन करें । आप घर के काम से शुरू करें । आप घर के कामों में हाथ बताएं । घर पर ही कोई हल्का-फुल्का व्यायाम करें । कोई भी खेल खेल सकते हैं । अगर घर में कोई बच्चा है या कोई पेट है आप उसके साथ खेल सकते हैं । और कुछ नहीं तो आप लंबी सैर पर ही निकल जाए । लेकिन कोई ना कोई शारीरिक गतिविधि अवश्य करें ।
जितना आप अपने आप को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखेंगे आपका मानसिक स्वास्थ्य अपने आप अच्छा होता चला जाएगा । स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ विचारों का आगमन होता है ।